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जीवन के पहिए के नीचे, जीवन के पहिए के ऊपर / हरिवंशराय बच्चन
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14:26, 18 अक्टूबर 2019
कि मेरे अंदर
जो मौन है,
बंद है,
बंदि
बंदी
है,
जो सब के लिए
और मेरे लिए भी
कि वह पहाड़ हटे,
कि पाप कटे
कि मैं
आजादी
आज़ादी
से साँस लूँ,
आज़ादी से विचार करूँ,
आज़ादी से प्यार करूँ।
Sharda suman
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