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जीवन क्या है, काँच का घर है / देवेन्द्र आर्य
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12:44, 18 जून 2020
|रचनाकार=देवेन्द्र आर्य
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जीवन क्या है, काँच का घर है।
जब सपने नाख़ूनों में हों
आँखें होना बुरी
खबर
ख़बर
है।
विष पी कर हम अमर हो गए
Abhishek Amber
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