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"जीवन गाते गाते बीते / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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|संग्रह= नाव सिन्धु में छोड़ी  / गुलाब खंडेलवाल
 
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01:20, 21 मई 2010 का अवतरण


       जीवन गाते-गाते बीते
और पहुँच कर अन्तिम सुर पर सुमनान्जलि सा रीते

 दिन भर सागर-तट पर गाऊँ
   बालू के घर बना-मिटाऊँ
   गाते ही गाते घर आऊँ
                             सोच न हारे-जीते

 नव नव धुन जागे जीवन में
 नित नव राग उठे जीवन में
 गीतों मे सज दूँ जो मन में
                            दुःख हों मीठे-तीते
                         जीवन गाते-गाते बीते
और पहुँच कर अन्तिम सुर पर सुमनान्जलि सा रीते