भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जीवन में न सही / गौरव पाण्डेय

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जीवन में न सही
कविताओं में मिलेंगे हम
कि कहानियों में हम साथ-साथ रहेंगे...
मैं लिखूँगा
फूल पर कविताएँ
तुम लिखना तितलियों पर
उन फूलों के एक-एक शब्दों में
तिरेगा तुम्हारा ही नाम
कि महकेगी तुम्हारी ही स्मृतियाँ
तुम्हारी कविताओं की तितलियाँ
उड़-उड़ आ बैठेंगी
मेरी कविताओं के फूलों पर
तुम्हारे बच्चों के जीवन में
रचे-बसे रहेंगे फूल
मेरी बच्ची मचलेगी तितलियों के लिए
उन्हें बेहिसाब रंगों की कहानियाँ याद होंगी
हमारी कविताओं से खूब झरेंगे पराग
कि खूब महकेगा हमारा जीवन
जीवन में न सही
कविताओं में मिलेंगे हम
कि हम कहानियों में साथ-साथ रहेंगे.,...