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जेकरा ले प्यार करीं ऊहे तड़पावेला / रामरक्षा मिश्र विमल

जेकरा ले प्यार करीं ऊहे तड़पावेला
दिल के धड़कन बनिके जिनिगी भरमावेला

खुशबू बनिके बगिया गम गम गमकावल जे
अँखियन में काहें दो पतझार बसावेला

अपनापन के कवनो परिभाषा जनि पूछऽ
ऊहे आपन होला जे दाम लुटावेला

लेके कबहूँ नउँवा जेकर मन खिल जाए
ऊ याद करे खातिर अँखिया सिकुरावेला

दिल के पागलपन पर नफरत के जोर कहाँ
हर प्यार करेवाला जी-जान लुटावेला

कवना असरा में तू बाड़ऽ चुपचाप,विमल’
दोसरा के बेरि इहाँ सभ आँखि चोरावेला