भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
जेठ मास अमावस सजनी गे / मैथिली लोकगीत
Kavita Kosh से
Mani Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:47, 2 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= बिय...' के साथ नया पन्ना बनाया)
मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
जेठ मास अमावस सजनी गे
सभ धनी मंगल गाउ
भूषण वसन जतन कऽ सजनी गे
रचि-रचि अंग लगाउ
काजर-रेख सिनुर भल सजनी गे
पहिरथु सुबुधि सेयानि
हरखित चलल अछयबट सजनी गे
गाबति मंगल गान
घर-घर नारि हकारल सजनी गे
आदरसँ संग गेलि
आइ छिऐ बरिसति सजनी गे
तेँ आकुल सभ भेलि
घुमि-घुमि अछिंजल ढ़ारल सजनी गे
बांटल अछत सुपारि
फतुरी आसिस देल सजनी गे
जीबथु दुलहा-दुलारि