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जैसे जिंदगी के साथ / बल्ली सिंह चीमा

गम और खुशी मिलते हैं जैसे जिंदगी के साथ,
कुछ होश भी दे दो मुझे , इस बेखुदी के साथ।

आती नहीं है आज भी बनियागिरी हमें,
कुछ दे दिया या ले लिया हमने खुशी के साथ।

कुछ हो भी गया हो तो खुदा खैर करे,
मिलते हैं आजकल वो बडी बेरूखी के साथ।

बल्ली बफा और इश्क की बातें हवा में हुई,
वो भी किसी के साथ हैं , मैं भी किसी के साथ।g