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जो ख्वाबों में बसा है वो जमाना ढूंढ़ लाना तुम / भावना

जो ख्वाबों में बसा है वो जमाना ढूंढ़ लाना तुम
कहीं बेखौफ मिलने का ठिकाना ढूंढ़ लाना तुम

बुना था प्यार से इक दिन तुम्हारे वास्ते मैंने
पुलोवर आज वह फिर से पुराना ढूंढ़ लाना तुम

न कोई गम, कोई रंजिश, न तन्हाई रहे दिल में
कहीं से आज उल्फत का खजाना ढूंढ़ लाना तुम

घने कोहरे में अक्सर सच का सूरज डूब जाता है
सिसकते वक्त में मौसम सुहाना ढूंढ़ लाना तुम

बड़ा मुश्किल समय है चैन पल भर भी नहीं मिलता
जो दिल को दे सकूं ऐसा तराना ढूंढ़ लाना तुम