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जो गुम हुआ है वो छाता बहुत पुराना है / ज्ञान प्रकाश विवेक
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जो गुम हुआ है वो छाता बहुर पुराना था
किसे बताऊँ कि उसमेम मेरा ज़माना था
खड़ा था तान के बन्दूक वो मेरे आगे
तसल्ली ये थी कि उसका ग़लत निशाना था
मेरी सज़ा भी तो देखो कि वो जो कातिल था
उसी के वास्ते मुझको मुकुट बनाना था
जो मोतबर थे वो दावत उड़ा के लौट गए
जो बच गया था उसे वेटरों ने खाना था
हवा क्या किया तुमने चुरा लिए तिनके
इन्हीं को जोड़ के पंछी ने घर बनाना था.