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जो तुम आ जाते एक बार
कितनी करूणा कितने संदेश<br>पथ में बिछ जाते बन पराग<br>गाता प्राणों का तार तार<br>अनुराग भरा उन्माद राग<br>आँसू लेते वे पथ पखार<br>जो तुम आ जाते एक बार <br><br>
हंस उठते पल में आद्र नयन<br>धुल जाता होठों से विषाद<br>छा जाता जीवन में बसंत<br>लुट जाता चिर संचित विराग<br>आँखें देतीं सर्वस्व वार<br>जो तुम आ जाते एक बार <br>