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जो लगि राम नाम नहिं चीना / संत जूड़ीराम

जो लगि राम नाम नहिं चीना।
जैसे नार पिया बिना डोलत रहत सकल विधि हीना।
ऐसई जगत भगत बिन व्याकुल बेजल तलफत मीना।
भयो विहाल जाल जग ग्रहनों सब विध भयो अधीना।
नाम बिना बेस्वारत जग में जोग जग्य तप कीना।
मन बिन विकल भुजंग भुलानो भई तासु गत दीना।
बेसुगंध को फूल अजब रंग आद अंत पर पीना।
जूड़ीराम भजन बिन देही वृक्ष भयो जग जीना।