Last modified on 22 अगस्त 2018, at 17:26

जौंका खुट्टानी, वो घुण्डौं का सारा छन / शिवदयाल 'शैलज'

Abhishek Amber (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:26, 22 अगस्त 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिवदयाल 'शैलज' |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जौंका खुट्टानी, वो घुण्डौं का सारा छन
द्वीया छन जौंका, वूंका खुट्टौं गारा छन

बिन आंख्यूं द्यखणी, यख आंख्यूं वळा काणा
भगवान त्यारा, खेल बि कना न्यारा छन

इनि चुकापट्ट मां कनिक्वै आली यख क्रान्ति
जख बिज्यां लोक बि, सियां लोखूं सारा छन

हम त भितर बटि हि, गणदौं गाण्यूंक-गैणा
भैजी! हमरा त, धुरपळि बटि हि म्वारा छन

हमरि चाड फरित्, पछ्याणिक बि सर्र अपछ्याण
अपड़ि चाडिक वो, घुसे-घुसेकि स्वारा छन

जौं खुणि दिन-रात, पल्याणा बल वो डंगरी
वीई निरभगी! जयां वूंका ध्वारा छन

आंसून जतगै भिजैला वूं थैं ’शैलज’
वो त बल घ्यूकी घैड़ी पेट बि क्वारा छन