Last modified on 27 अक्टूबर 2011, at 20:10

ज्योति-पथ / राधेश्याम बन्धु

ज्योति- पथ
यह कौन दंशित कर गया है

पालतू तोते
मुखर संवाद
शब्दकोशों से
मिटे प्रतिवाद

उफ़ ! समय को
आज यह क्या हो गया है

बाज़ दहशत -सी
लगाता गश्त
हर कबूतर
मौन को अभिशप्त

सूर्य -रथ यह कौन
खंडित कर गया है