Last modified on 22 अक्टूबर 2013, at 06:06

झूले नवल राधे श्याम / महेन्द्र मिश्र

Mani Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:06, 22 अक्टूबर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=महेन्द्र मिश्र |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

 झूले नवल राधे श्याम।
कोकिला कल कंठ गावत बैठी विटप लतान।
मोर वन वन शोर करि करि मुदित आठो याम।
सुरंग डोर हिंडोर सुन्दर रत्न जड़ित ललाम।
ललित पलना मणि सुरंजित छिपत है शशि भान।
जमुना तीर गडे़ हिंडोलो दे रही वृज वाम।
कजरी राग मल्हार गावती ले ले सुन्दर तान।
आजु की छवि कौन बरने मोहे कठिन काम।
द्विज महेन्द्र स्वरूप निरखत बिकतु है बिनु दाम।