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टुङ्ना भजन / ज्ञानदिल दास

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मार्‌यो च्याङ्बा मार्‌यो,
षरानीमा पार्‌यो,
त्रिशुल गङ्गा तार्‌यो.
चन्द्र सूर्जे नार्‌यो,
कमल फुल्मा सास्यो,
ब्रह्मज्ञान्मा पार्‌यो, रामजी!
अति ठिक्क पार्‌योनी!!!॥१॥

वंशी बज्यो तिरिरी,
अनहद्को घन्छन्,
कमल फुल्यो रन्बन्,
भँमराको भन् भन्,
रामजी! जोगी घुम्यो फन् फन् नी!!!॥२॥

मार्‌यो च्याङ्बा मार्‌यो,
षरानीमा पार्‌यो,
बिचै बाटा छाड्यो,
छोरोजन्मी जोगी भैन,
पुरस् जन्म हार्‌यो,
रामजी! पुरस् जन्म हार्‌योनी!!!॥३॥