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डाकियो / पवन शर्मा

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सनेसां नीं खेती निपजै
जाणूं सगळी बात डाकिया
हिवड़ौ म्हारौ आवै नीं बस में
करसी कांई इलाज डाकिया

गळी-गळी थूं कागद बांटे
म्हानै भूलै रोज डाकिया
झोळौ भर सनेसा ल्यावै
म्हारौ लाग्यौ भार डाकिया।

घणी-घणी म्हूं कैवणी चाऊं
पण म्हानै आवै लाज डाकिया
बै है म्हारा तानसेन, पण
बो बिन सूनौ साज डाकिया।

कीं नै रिपिया नगद गिणावै
कीं नै चिट्ठी-तार डाकिया
कीं नै झाला देय‘र बुलावै
म्हां सूं ल्यौ अडवार डाकिया।

मरद परायो घणी नीं बोलू
लुगाई री हूँ जात डाकिया
राज उडाऊं काग मंडेरी
कीयां बणसी बात डाकिया।

बैरण हिचकी जक नीं खावै
ओळयूं आवै भोत डाकिया
सांसां रो सटकौ जा अटक्यौ
आवै क्यूं नीे मौत डाकिया।

आठूं पोर पचूं रै अेकल
ओ जीवण हराम डाकिया
रात्यूं आवै खोटा सुपना
गळै में आ री ज्यान डाकिया।

बालपणै में बाप परणाई
इब हो री जुवान डाकिया
ओ जोबनड़ो भरै है बटका
थामै कुण लगाम डाकिया।

सून सेज खावण आवै
रो-रो सूजी आँख डाकिया
सासू नणद देवै ताना
होग्यौ जी रै जंगळा डाकिया।

तीज तिवारां ओढूं-पै‘रूं
मुळकै सगळौ गाम डाकिया
खांड री बोरी अर कुत्ता लारै
हो ज्यासूं बदनाम डाकिया।

भरी जवानी बैठ्यो परदेस
कांई बणसी धनवान डाकिया
नौकरी रै थूं लगा वास्ते
आवै क्यूं नी गाम डाकिया।

तेल खावणौ, तेल पीवणौ
तेल सूं घर भरै डाकिया
ओ सावण अर आ टिट्योड़ी
डालर रो कांई करै डाकिया

मुण्डां जितरी बातां री
धन धणियां सूं रै’वै डाकिया
नेम निमाणै धरम ठिकाणै
धण तो धण ज्यूं रै’वै डाकिया।

फिरै टांटिया मो-मांख्या लारै
पाणी रै मिस आवै डाकिया
टूंट्या सूं टोपो नी टपकै
म्हासूं बै कांई चावै डाकिया।

भरी लोटड़ी पाणी आळी
भूल्यौ कीं री ओट डाकिया
सागण ठौड़ म्हूं पड़ी उडीकूं
म्हां में है कांई खोट डाकिया।

सूवौ सूत्यो खोड रै मांय
घणी करै किलोळ डाकिया
गिण-गिण पैर धरै गुरसली
जाणै धरती देसी तौल डाकिया।

तपै तावड़ो लूआं बाळै
दोपारै री ओ टेम डाकिया
सिसकै साळ मां चिड़ी अेकली
थूं करड़ो धार्यो नेम डाकिया।

करै कमेड़ी बातां कीं सूं
सुसियौ सुणै धर ध्यान डाकिया
बिलड़ौ देखै भांफण मांय
करै चिड़कली इस्नान डाकिया।

ग्याबण होयगी राठड़ती बाछी
भैंस भूरती तीजण डाकिया
छूछक लेय‘र दैराणी आई
करै खोरसो आ धण डाकिया।

काग चिड़कली सूं हेत दिखावै
कुत्तै-बिल्ली तज्यौ बैर डाकिया
कींकर मुळकै म्हूं नीं जाणूं
देख रोहिड़ौ-कैर डाकिया।

खिंपोळयां सूं लटालूम खींपड़ी
म्हां मांय काढै खोट डाकिया
टीबै साथै जद रमै टीबड़ी
ले बांठां री ओट डाकिया।

पाख्यां ताण ऊभ्यौ मोरियौ
कर रैयो कतरा जतन डाकिया
हुई अणमणी फिरै ढेलणी
सिलगै म्हारौ तन-मन डाकिया।

पड़ी लीकटी टीबै ऊपर
नागण रमी संग नाग डाकिया
छिण अेक आया खोटौ सुपनो
पण म्हारां नीं अै भाग डाकिया।