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डालकर दाना शिकारी फाँसते हैं आपको / महेश कटारे सुगम

डालकर दाना शिकारी फाँसते हैं आपको ।
वोट के बदले में बोतल बाँटते हैं आपको ।

मिल गया मुर्गा तो ख़ुश हो काट डाला आपने,
पाँच सालों तक वही फिर काटते हैं आपको ।

आपके हक़ को बना रक्खा उन्होंने चाट-सा,
रोज़ ही लेकर मज़ा सब चाटते हैं आपको ।

आपकी ही ग़लतियाँ साधन बनी उनके लिए,
खोदते हैं रोज़ क़ब्रें गाड़ते हैं आपको ।

एक छोटी भूल देखो बन गई कैसी सज़ा,
दोष उनका है सुगम पर डाँटते हैं आपको ।