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ड्योढ़ी पर तेल / अज्ञेय

 
ड्योढ़ी पर तेल चुआने के लिए
लुटिया तो मँगनी भी मिल जाएगी;
उत्सव के लिए जो मंगली-घड़ी चाहिए
वह क्या इसी लिलार-रेखा पर आएगी?

ग्वालियार, 18 अगस्त, 1968