Last modified on 26 सितम्बर 2011, at 10:41

ढपलू जी रोए / रमेश तैलंग

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:41, 26 सितम्बर 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमेश तैलंग |संग्रह=उड़न खटोले आ / रमेश तैलंग }} {{KKCat…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

ढपली जी स्कूल गए,
बस्ता घर पर भूल गए,
मैडम ने आकर डाँटा,
मारा हल्का-सा चाँटा,
ढपलू जी रोए आँ...ऊँ ।
मैं ’इछकूल’ नहीं जाऊँ ।

ढपलू जी बैठे खाने,
कच्ची मक्की के दाने,
खाकर पेट लगा दुखने,
चेहरा खिला लगा बुझने,
ढपलू जी रोए आँ...ऊँ ।
मैं ये भुत्ता न खाऊँ ।

ढपलू जी ने ढम-ढम कर,
ताल बजाया ढोलक पर,
मम्मी आई खींचे कान,
बोली- ’शोर न कर शैतान !’
ढपलू जी रोए आँ...ऊँ ।
मैं इस धोलक पल गाऊँ ।