Last modified on 17 मार्च 2017, at 11:46

ढ़ाई आखर / विष्णुचन्द्र शर्मा

कबीर की डायरी से
खोजना ढाई आखर!
ढाई आखर चलेगा
कबीर-सा गलियों में
इकतारा बजाएगा ढाई आखर
दिल्ली में!
ढाई आखर संसद में कहेगा
‘चलो साथ-साथ।’