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तन कौ तनक भरोसौ नइयाँ / ईसुरी

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तन कौ तनक भरोसौ नइयाँ,
राखैं लाज गुसईयाँ,
उड़ उड़ पात गिरत धरनी मैं,
फिर नई लगत डरईयाँ
जर बर देय भसम हो जै हैं।
फिरना चुनैं चिरइयाँ,
मानुस चाम काम न आवै।
पसु कीं बनत पनईयाँ,
ईसुर कोऊ हाँत ना दै ले
जब हम पकरैं बइयाँ।