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तमाम रात तेरा इंतज़ार रहता है / अनिरुद्ध सिन्हा

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तमाम रात तेरा इंतज़ार रहता है
हमारा दिल तो यूँ ही बेक़रार रहता है

अमीर लोग किसी पर तरस नहीं खाते
ग़रीब आँखों में थोड़ा सा प्यार रहता है

कभी तो आएगा तन्हाइयों के मौसम में
वो एक शख़्स जो दरिया के पार रहता है

ये और बात न आएगा वादा करके वो
हमारे दिल को मगर एतबार रहता है

सुनो ये प्यार का खंजर भी खूब खंजर है
वगैर सान के भी धारदार रहता है