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तारा / मोहन गेहाणी

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अमां, मां तोखे बुधायां त आसमान
जा तारा कीअं ठहिया?
तो खे याद आहे त तंहिं ॾींहुं तो
बबलूअ खे फ़ीडरु पिए ॾिनो
हुन फ़ीडरु कढी कयो ”फू...“
ऐं तुंहिंजो मुंहुं खीर जे छंडनि सां
भरिजी वियो हो!