जिसने तोड़े आसमान के तारे,
दुःखी हुआ वह।
सुखी-मगन थे बाकी सारे।
सब हसरतें करोगे पूरी,
फिर जीवन में
बचा हुआ कुछ नहीं रहेगा,
समझे प्यारे?
रचनाकाल : जनवरी-अप्रैल, 2003
जिसने तोड़े आसमान के तारे,
दुःखी हुआ वह।
सुखी-मगन थे बाकी सारे।
सब हसरतें करोगे पूरी,
फिर जीवन में
बचा हुआ कुछ नहीं रहेगा,
समझे प्यारे?
रचनाकाल : जनवरी-अप्रैल, 2003