भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"तितली रानी / अंशु शुक्ला" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
 
|रचनाकार=अंशु शुक्ला
 
|रचनाकार=अंशु शुक्ला
 
}}
 
}}
{{KKCatBalKavita}}
+
{{KKCatBaalKavita}}
 
<poem>
 
<poem>
 
तितली रानी, तितली रानी!
 
तितली रानी, तितली रानी!

21:37, 25 सितम्बर 2015 के समय का अवतरण

तितली रानी, तितली रानी!
कौन देश से आती हो,
फूल-फूल का रस पीतो हो
फिर झट से उड़ जाती हो।
अपने इन सुंदर पंखों पर
क्यों इतना इतराती हो?
छोटे-छोटे हम बच्चों को
कयों तुम नाच नचाती हो।
रंग-बिरंगे फूलों के सँग
तुम क्यों हँसती-गाती हो।
हम बच्चों से क्या कुट्टी है,
हाथ नहीं जो आती हो!
मैं भी इक दिन पंख लगाकर
जब तितली बन जाऊँगी,
तुमसे जी भर बात करूँगी
और संग उड़ जाऊँगी।