भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तितली से प्यारी / बालस्वरूप राही

Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:10, 23 जनवरी 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बालस्वरूप राही |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पंख अगर मिलते तितली के
दूर-दूर उड़ जाती में,
कंठ अगर पाती कोयल का
मीठे गीत सुनाती मैं।

पर मम्मी- पापा कहते मैं
तितली से भी प्यारी हूँ,
राजकुमारी से भी बढ़ कर
उन की राजदुलारी हूँ।

रंग- बिरंगी फ्रॉक पहन कर
जब मैं गीत सुनाती हूँ,
सब कहते मैं कोयल से भी
बढ़ कर मीठा गाती हूँ।