Last modified on 5 अगस्त 2009, at 02:47

तिनका बयारि के बस / हरिदास

तिनका बयारि के बस।
ज्यौं भावै त्यौं उडाइ लै जाइ आपने रस॥
ब्रह्मलोक सिवलोक और लोक अस।
कह 'हरिदास बिचारि देख्यो, बिना बिहारी नहीं जस॥