तीर पहुंचे नहीं निशानों पर
ये भी इल्ज़ाम है कमानों पर
जिस ने लब सी लिए सदा के लिए
उसका चर्चा है सब ज़बानों पर
सर झुकाये खड़े हैं सारे पेड़
और फल सज गए दुकानों पर
सच की दौलत न हाथ आई कभी
उम्र कटती रही बहानों पर
तीर पहुंचे नहीं निशानों पर
ये भी इल्ज़ाम है कमानों पर
जिस ने लब सी लिए सदा के लिए
उसका चर्चा है सब ज़बानों पर
सर झुकाये खड़े हैं सारे पेड़
और फल सज गए दुकानों पर
सच की दौलत न हाथ आई कभी
उम्र कटती रही बहानों पर