भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"तुझी को जो यां जल्वा फ़र्मा न देखा / ख़्वाजा मीर दर्द" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ख़्वाजा मीर दर्द }} तुझी को जो यां जल्वा फ़र्मा न देखा| ...)
 
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
 
|रचनाकार=ख़्वाजा मीर दर्द
 
|रचनाकार=ख़्वाजा मीर दर्द
 
}}
 
}}
 +
[[category: ग़ज़ल]]
  
तुझी को जो यां जल्वा फ़र्मा न देखा|
 
बराबर है दुनिया को देखा न देखा|
 
  
मेरा ग़ुन्चा-ए-दिल वोह दिल-गिरिफ़ता,
+
तुझी को जो यां जल्वा फ़र्मा न देखा|<br>
कि जिस को कसो ने कभी वा न देखा|
+
बराबर है दुनिया को देखा न देखा|<br><br>
  
अजिअत, मुसीबत, मलामत, बलाएं,
+
मेरा ग़ुन्चा-ए-दिल वोह दिल-गिरिफ़ता,<br>
तेरे इश्क़ में हम ने क्या क्या न देखा|
+
कि जिस को कसो ने कभी वा न देखा|<br><br>
  
किया मुझ को दाग़ों सर्व-ए-चिराग़ां,
+
अजिअत, मुसीबत, मलामत, बलाएं,<br>
कभो तू ने आकर तमाशा न देखा|
+
तेरे इश्क़ में हम ने क्या क्या न देखा|<br><br>
  
तग़ाफ़ुल ने तेरे ये कुछ दिन दिखाए,
+
किया मुझ को दाग़ों सर्व-ए-चिराग़ां,<br>
इधर तूने लेकिन न देखा, न देखा|
+
कभो तू ने आकर तमाशा न देखा|<br><br>
  
हिजाब-ए-रुख़-ए-यार थे आप ही हम,
+
तग़ाफ़ुल ने तेरे ये कुछ दिन दिखाए,<br>
खुली आँख जब, कोई परदा न देखा|
+
इधर तूने लेकिन न देखा, न देखा|<br><br>
  
शब-ओ-रोज़ ए 'दर्द' दरपाई हूँ उस के,
+
हिजाब-ए-रुख़-ए-यार थे आप ही हम,<br>
कसो ने जिसे यां समझा न देखा|
+
खुली आँख जब, कोई परदा न देखा|<br><br>
 +
 
 +
शब-ओ-रोज़ ए 'दर्द' दरपाई हूँ उस के,<br>
 +
कसो ने जिसे यां समझा न देखा|<br><br>

00:41, 30 दिसम्बर 2008 के समय का अवतरण


तुझी को जो यां जल्वा फ़र्मा न देखा|
बराबर है दुनिया को देखा न देखा|

मेरा ग़ुन्चा-ए-दिल वोह दिल-गिरिफ़ता,
कि जिस को कसो ने कभी वा न देखा|

अजिअत, मुसीबत, मलामत, बलाएं,
तेरे इश्क़ में हम ने क्या क्या न देखा|

किया मुझ को दाग़ों सर्व-ए-चिराग़ां,
कभो तू ने आकर तमाशा न देखा|

तग़ाफ़ुल ने तेरे ये कुछ दिन दिखाए,
इधर तूने लेकिन न देखा, न देखा|

हिजाब-ए-रुख़-ए-यार थे आप ही हम,
खुली आँख जब, कोई परदा न देखा|

शब-ओ-रोज़ ए 'दर्द' दरपाई हूँ उस के,
कसो ने जिसे यां समझा न देखा|