Last modified on 11 मार्च 2019, at 12:47

तुम्हारा नाम जपता हर घड़ी ये दिल दिवाना है / रंजना वर्मा

तुम्हारा नाम जपता हर घड़ी यह दिल दिवाना है।
बसेरा याद-पंछी का यही उस का ठिकाना है॥

अभी भी याद है मुझको मधुर मधुमास का मौसम
बहारों का अभी भी राह में इस आना जाना है॥

हमें समझा पराया तो बसे क्यों हृदय में आकर
तुम्हारे स्वप्न से हम को नयन का घर सजाना है॥

नहीं है बात करने भर से कोई बात बन जाती
हमें हर बात को अपनी सही करके दिखाना है॥

किसी के दर्द को है बाँटना कब चाहता कोई
सभी को दर्द का रिश्ता स्वयम से ही निभाना है॥

जियें अपने लिए केवल ये तो पशुओं की है आदत
जियें परहित सदा से ये मनुजता का तराना है॥

खुशी प्यारी सभी को है मगर मिलती नहीं सबको
इसी से अब सभी को दर्द में भी मुस्कुराना है॥