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"तुम्हारा मन मेरा घर है / अशोक शाह" के अवतरणों में अंतर

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तुम्हारे चेहरे में जो खूबसूरती है
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उसमें मेरा सौंदर्य है
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तुम्हारे स्वर में जो मधुरता है
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उसमें मेरे शब्द हैं
  
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तुम्हारे पैरों में जो लय है
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मेरी हसरतों की पूँजी है
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तुम्हारी चितवन में बसी है
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मेरी आँखो की परछाईं
  
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तुम्हारे आँचल में जो रंग हैं
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मेरे मन के हैं
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तुम्हारे उठने-बैठने-घूमने-फिरने में
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शामिल हैं मेरे जीवन के खुले पल
  
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तुम्हारे प्यार में सनी हैं
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मेरी निराकार भावनाएँ
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जितना बड़ा तुम्हारा दुःख है
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उतना ही छोटा है मेरा सुख
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मैं बीज बनकर धरती में उगा
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तुम पुष्प बनकर आकाश में खिली
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मेरे सारे रास्तों में अंकित हैं
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तुम्हारे पैरों के निशान
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तू गाँव के खेत
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और नगर की सड़कों को
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पार करती जा रही
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मैं हर मोड़ पर कर रहा हूँ
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तेरे लिए प्रार्थना
  
 
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23:12, 7 अगस्त 2020 के समय का अवतरण

तुम्हारे चेहरे में जो खूबसूरती है
उसमें मेरा सौंदर्य है
तुम्हारे स्वर में जो मधुरता है
उसमें मेरे शब्द हैं

तुम्हारे पैरों में जो लय है
मेरी हसरतों की पूँजी है
तुम्हारी चितवन में बसी है
मेरी आँखो की परछाईं

तुम्हारे आँचल में जो रंग हैं
मेरे मन के हैं
तुम्हारे उठने-बैठने-घूमने-फिरने में
शामिल हैं मेरे जीवन के खुले पल

तुम्हारे प्यार में सनी हैं
मेरी निराकार भावनाएँ
जितना बड़ा तुम्हारा दुःख है
उतना ही छोटा है मेरा सुख

मैं बीज बनकर धरती में उगा
तुम पुष्प बनकर आकाश में खिली
मेरे सारे रास्तों में अंकित हैं
तुम्हारे पैरों के निशान

तू गाँव के खेत
और नगर की सड़कों को
पार करती जा रही
मैं हर मोड़ पर कर रहा हूँ
तेरे लिए प्रार्थना