जहाँ अर्घ्य दिए चाँद को,
वहाँ झुरमुट में चाँदनी है।
अब कुछ तो राग छेड़ो,
कि यहाँ मौन रागिनी है।
तुम साँसे दहका गए हो,
तुम्हारी छुअन दामिनी है।
मुझे धीमे से कह गए हो-
यह प्रीत कस्तूरी कामिनी है।
जहाँ अर्घ्य दिए चाँद को,
वहाँ झुरमुट में चाँदनी है।
अब कुछ तो राग छेड़ो,
कि यहाँ मौन रागिनी है।
तुम साँसे दहका गए हो,
तुम्हारी छुअन दामिनी है।
मुझे धीमे से कह गए हो-
यह प्रीत कस्तूरी कामिनी है।