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तुम्हारे जाने के बाद / नीरज दइया
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{{KKRachna
|रचनाकार=नीरज दइया
|संग्रह=
उचटी हुई नींद / नीरज दइया
}}
{{KKCatKavita}}
<Poem>जब-जब तुम्हारी आँख से
झरे हैं आँसू
उन तक
तुम्हारे बाद
कुछ भी शेष नहीं है
तुम्हारे अदृश्य आँसुओं के सिवाय । </poem>
Neeraj Daiya
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