भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
[[category: ग़ज़ल]]
तुम आज हंसते हँसते हो हंस लो मुझ पर ये आज़माइश ना बार-बार होगी<br>
मैं जानता हूं मुझे ख़बर है कि कल फ़ज़ा ख़ुशगवार होगी|<br><br>
रहे मुहब्बत में जि़न्दगी ज़िन्दगी भर रहेगी ये कशमकश बराबर, <br>
ना तुमको क़ुरबत में जीत होगी ना मुझको फुर्कत में हार होगी|<br><br>
हज़ार उल्फ़त सताए लेकिन मेरे इरादों से है ये मुमकिन, <br>
अगर शराफ़त को तुमने छेड़ा तो जि़न्दगी ज़िन्दगी तुम पे वार होगी|<br><br>