Last modified on 21 जनवरी 2015, at 16:22

तुम तो जागो न हो अमुक भाई घर की नार / निमाड़ी

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:22, 21 जनवरी 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=निमाड़ी }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

तुम तो जागो न हो अमुक भाई घर की नार,
विहाणो हो श्याम-सुहावणो।
तुम तो जागो न हो बहुवर चीर संवारो
विहाणो हो श्याम-सुहावणो।
तुम तो देवो न हो बहुवर बाजुबन्द खील,
विहाणो हो श्याम-सुहावणो।
तुम तो देवों न हो बहुवर कपिला गाय,
विहाणो हो श्याम-सुहावणो।