http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%A4%E0%A5%81%E0%A4%AE_%E0%A4%A8%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%82_%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%A4%E0%A5%80_%E0%A4%A4%E0%A5%8B_%E0%A4%AD%E0%A5%80_/_%E0%A4%85%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%AF_%E0%A4%89%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%AF&feed=atom&action=historyतुम नहीं मिलती तो भी / अक्षय उपाध्याय - अवतरण इतिहास2024-03-28T23:23:00Zविकि पर उपलब्ध इस पृष्ठ का अवतरण इतिहासMediaWiki 1.24.1http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%A4%E0%A5%81%E0%A4%AE_%E0%A4%A8%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%82_%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%A4%E0%A5%80_%E0%A4%A4%E0%A5%8B_%E0%A4%AD%E0%A5%80_/_%E0%A4%85%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%AF_%E0%A4%89%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%AF&diff=132063&oldid=prevअनिल जनविजय: '{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अक्षय उपाध्याय |संग्रह =चाक पर रखी ...' के साथ नया पन्ना बनाया2011-11-23T12:04:22Z<p>'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अक्षय उपाध्याय |संग्रह =चाक पर रखी ...' के साथ नया पन्ना बनाया</p>
<p><b>नया पृष्ठ</b></p><div>{{KKGlobal}}<br />
{{KKRachna<br />
|रचनाकार=अक्षय उपाध्याय <br />
|संग्रह =चाक पर रखी धरती / अक्षय उपाध्याय <br />
}} <br />
{{KKCatKavita}}<br />
<poem><br />
तुम नहीं मिलती तो भी<br />
मैं<br />
नदी तक जाता<br />
छूता उसके हृदय को<br />
गाता<br />
बचपन का कोई पुराना अधूरा गीत<br />
तुम नहीं मिलती तो भी<br />
<br />
तुम नहीं मिलती तो भी<br />
पहाड़ के साथ घंटों बतियाता<br />
वृक्षों का हाथ पकड़ ऊपर की ओर<br />
उठना सीखता<br />
बीस और इक्कीस की उमर की<br />
कोई न भूलने वाली घटना को<br />
स्मरण करता<br />
कपड़े के जूते में सिहर कर पैर रखता<br />
तुम नहीं मिलती तो भी<br />
<br />
तुम नहीं मिलती तो भी<br />
जितना भी मेरे पास पिता था<br />
उतना भर बच्चा जनता ही<br />
रचता ज़रूर एक आदमी का संसार<br />
कुछ अदद काँटों के बीच एक बेहद<br />
नाज़ुक कोई फूल भी खिलाता ही<br />
<br />
बस एक बात अलग होती<br />
एक दरवाज़ा होता कभी नहीं बंद होने वाला<br />
एक क़ैद अँधेरे से लड़ती चिड़िया होती<br />
तुम नहीं होती तो भी<br />
मैं नदी तक जाता ही ।<br />
</poem></div>अनिल जनविजय