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"तुम मुझमें प्रिय, फिर परिचय क्या! / महादेवी वर्मा" के अवतरणों में अंतर

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तुम मुझमें प्रिय, फिर परिचय क्या!
  
 
तारक में छवि, प्राणों में स्मृति
 
तारक में छवि, प्राणों में स्मृति
 
 
पलकों में नीरव पद की गति
 
पलकों में नीरव पद की गति
 
 
लघु उर में पुलकों की संस्कृति
 
लघु उर में पुलकों की संस्कृति
 
 
भर लाई हूँ तेरी चंचल
 
भर लाई हूँ तेरी चंचल
 
 
और करूँ जग में संचय क्या?
 
और करूँ जग में संचय क्या?
 
  
 
तेरा मुख सहास अरूणोदय
 
तेरा मुख सहास अरूणोदय
 
 
परछाई रजनी विषादमय
 
परछाई रजनी विषादमय
 
 
वह जागृति वह नींद स्वप्नमय,
 
वह जागृति वह नींद स्वप्नमय,
 
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खेल-खेल, थक-थक सोने दे
खेल खेल थक थक सोने दे
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मैं समझूँगी सृष्टि प्रलय क्या?
 
मैं समझूँगी सृष्टि प्रलय क्या?
 
  
 
तेरा अधर विचुंबित प्याला
 
तेरा अधर विचुंबित प्याला
 
 
तेरी ही विस्मत मिश्रित हाला
 
तेरी ही विस्मत मिश्रित हाला
 
 
तेरा ही मानस मधुशाला
 
तेरा ही मानस मधुशाला
 
 
फिर पूछूँ क्या मेरे साकी
 
फिर पूछूँ क्या मेरे साकी
 
 
देते हो मधुमय विषमय क्या?
 
देते हो मधुमय विषमय क्या?
  
 
चित्रित तू मैं हूँ रेखा क्रम,
 
चित्रित तू मैं हूँ रेखा क्रम,
 
 
मधुर राग तू मैं स्वर संगम
 
मधुर राग तू मैं स्वर संगम
 
 
तू असीम मैं सीमा का भ्रम
 
तू असीम मैं सीमा का भ्रम
 
 
काया-छाया में रहस्यमय
 
काया-छाया में रहस्यमय
 
 
प्रेयसी प्रियतम का अभिनय क्या?
 
प्रेयसी प्रियतम का अभिनय क्या?
 
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तुम मुझमें प्रिय फिर परिचय क्या?
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19:01, 9 जुलाई 2013 के समय का अवतरण

तुम मुझमें प्रिय, फिर परिचय क्या!

तारक में छवि, प्राणों में स्मृति
पलकों में नीरव पद की गति
लघु उर में पुलकों की संस्कृति
भर लाई हूँ तेरी चंचल
और करूँ जग में संचय क्या?

तेरा मुख सहास अरूणोदय
परछाई रजनी विषादमय
वह जागृति वह नींद स्वप्नमय,
खेल-खेल, थक-थक सोने दे
मैं समझूँगी सृष्टि प्रलय क्या?

तेरा अधर विचुंबित प्याला
तेरी ही विस्मत मिश्रित हाला
तेरा ही मानस मधुशाला
फिर पूछूँ क्या मेरे साकी
देते हो मधुमय विषमय क्या?

चित्रित तू मैं हूँ रेखा क्रम,
मधुर राग तू मैं स्वर संगम
तू असीम मैं सीमा का भ्रम
काया-छाया में रहस्यमय
प्रेयसी प्रियतम का अभिनय क्या?