Last modified on 22 जून 2009, at 19:18

तुम लाल नंद सदाके कपटी / मीराबाई

तुम लाल नंद सदाके कपटी॥ध्रु०॥
सबकी नैया पार उतर गयी। हमारी नैया भवर बिच अटकी॥१॥
नैया भीतर करत मस्करी। दे सय्यां अरदन पर पटकी॥२॥
ब्रिंदाबनके कुंजगलनमों सीरकी। घगरीया जतनसे पटकी॥३॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। राधे तूं या बन बन भटकी॥४॥