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तुम वही करो जो चलते हुए सोच रहे हो / नीलोत्पल

तुम कहीं मत जाओ
तुम सिर्फ़ वही करो
जो तुम्हें बचाता है
या उलझो ख़ुद से
और डूब जाओ

किसी भी तरह के सोये
और सतह पर आए विचार के साथ
नहीं बनेगी तुम्हारी
यह आत्महत्या है

क्या तुम नहीं चाहोगे भटकना
एक चोर के अनुभव कहीं ज़्यादा गहरे हैं
बनिस्बत लीक पीटने के

तुम्हें कुछ नहीं पार करना है
कुछ गांठें ज़ेहन में हो सकती हैं
डरो नहीं
यह सामान्य तरह की खुरचन
एक तरह की त्वचागत बीमारी है
 
तुम वही करो
जो चलते हुए सोच रहे हो

तुम्हारे बाद
कोई अनुसरण नहीं
जो कुछ तुमने बसाया है
वह शांति देने वाला हो