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तू मेरा कौन सा ख़ु़दा है ज़रा नाम तो बता दे / शमशाद इलाही अंसारी

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तू मेरा कौन सा ख़ुदा है ज़रा नाम तो बता दे,
तू मुझे कुछ बता दे मैं तुझे कुछ बता दूँ।

बादलों के पीछे उस जहाँ में ले जा कर,
तू मुझे कुछ सुना दे, मै तुझे कुछ सुना दूँ।

मेरी आँखों से पूछ लेना मेरी जीस्त के फ़साने,
तू अब मुझे कहीं सुला दे, मैं तुझे कहीं सुला दूँ।

कभी रंजिशे समझकर, कभी मौहब्बतों की कलियाँ
तू मुझे कोई सिला दे, मै तुझे कोई सिला दूँ।

"शम्स" रफ़्ता रफ़्ता भर गया चराग-ए-आरज़ू
कभी तू इसे बुझा दे, कभी मैं इसे बुझा दूँ।


रचनाकाल : 09.11.2002