तू ही ख्व़ाब तू ही ख़याल है
तू जवाब तू ही सवाल है
तेरा साथ कैसे मैं छोड़ दूं
मेरी बन्दगी का का सवाल है
तू जो दूर हो तो मैं क्या करूं
मुझे सांस लेना मुहाल है
तेरा रूप जैसे के चाँद हो
के तू चांदनी की मिसाल है
न किसी का ऐसा हसीन रुख
न किसी का ऐसा जमाल है
कभी आ के इतना तो देख ले
तेरे बिन "सिया" का जो हाल है