http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%A4%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A5%87_%E0%A4%96%E0%A4%BC%E0%A4%A4_..._/_%E0%A4%B0%E0%A4%82%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A4%BE_%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%9F%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE&feed=atom&action=historyतेरे ख़त ... / रंजना भाटिया - अवतरण इतिहास2024-03-29T09:19:32Zविकि पर उपलब्ध इस पृष्ठ का अवतरण इतिहासMediaWiki 1.24.1http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%A4%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A5%87_%E0%A4%96%E0%A4%BC%E0%A4%A4_..._/_%E0%A4%B0%E0%A4%82%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A4%BE_%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%9F%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE&diff=54953&oldid=prevप्रकाश बादल: नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना भाटिया |संग्रह= }} <poem>आज मुझे भूलने के बाद जब...2009-09-17T17:24:42Z<p>नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना भाटिया |संग्रह= }} <poem>आज मुझे भूलने के बाद जब...</p>
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{{KKRachna<br />
|रचनाकार=रंजना भाटिया<br />
|संग्रह=<br />
}}<br />
<poem>आज मुझे भूलने के बाद जब वो मेरे ख़त तूने जलाए होंगे<br />
फ़िज़ाओ में आज भी वो बीते पलो के साए महक आए होंगे<br />
<br />
बिताए थे ना जाने कितने बेहिसाब लम्हे साथ साथ<br />
उनके तस्वुर ने तेरे होश एक बार फिर से तो उड़ाए होंगे<br />
<br />
याद आया होगा तुझे भी मेरा तेरी बाहों में सिमाटना<br />
मेरे ज़ुल्फ़ो की ख़ुश्बू के साए आँखो में लहराए होंगे<br />
<br />
आईने में देखा होगा जब तूने यूँ ही अक़्स अपना<br />
मेरी चाहत के जाम आज भी तेरी नज़रो से छलक आए होंगे<br />
<br />
देखा होगा जब चाँद को बादलो के संग छिपते हुए<br />
मेरी प्यार की बातो से तेरे लब मुस्कराए होंगे<br />
<br />
जगाया होगा मेरे ख्वाबो ने तुझे अक्सर रातो को<br />
जुदा होने से पहले के वह हसीन लम्हे याद आए होंगे<br />
<br />
है यही तो प्यार की तसीर का जादू इस ठहरी सी फ़िज़ा में<br />
धूवाँ होते वो पल किसी पावन ख़ुश्बू से महक आए होंगे<br />
<br />
तूने आज जब वो मेरे लिखे ख़त जलाए होंगे<br />
तेरे दिल पर भी कुछ देर तो दर्द के साए होंगे !! </poem></div>प्रकाश बादल