भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तेरे लिए मेरी प्रिये / ज़ाक प्रेवेर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैं गया पंछी-बाज़ार
और ख़रीदे पंछी मैंने
तेरे लिए
मेरी प्रिये

मैं गया फूल-बाज़ार
और ख़रीदे मैंने फूल
तेरे लिए
मेरी प्रिये

मैं गया लोहा-बाज़ार
और मैंने ख़रीदीं जंज़ीरें
भारी-भारी जंज़ीरें
तेरे लिए
मेरी प्रिये

फिर मैं गया ग़ुलामों के बाज़ार में
और तुझे खोजा
मगर तुझे पाया नहीं
मेरी प्रिये।

मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी