तैं मेरी गेंद चुराई। ग्वालनारे॥ध्रु०॥
आबहि आणपेरे तोरे आंगणा। आंगया बीच छुपाई॥१॥
ग्वाल बाल सब मिलकर जाये। जगरथ झोंका आई॥२॥
साच कन्हैया झूठ मत बोले। घट रही चतुराई॥३॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरणकमल बलजाई॥४॥
तैं मेरी गेंद चुराई। ग्वालनारे॥ध्रु०॥
आबहि आणपेरे तोरे आंगणा। आंगया बीच छुपाई॥१॥
ग्वाल बाल सब मिलकर जाये। जगरथ झोंका आई॥२॥
साच कन्हैया झूठ मत बोले। घट रही चतुराई॥३॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरणकमल बलजाई॥४॥