तोड़े जाल अनादि ये भरम, भये दुःख दूर ।
दया करी गुरुदेव ने दिये ज्ञान भरपूर ।।
दिए ज्ञान भरपूर पुण्य अरु पाप लखाये ।
गंगादास परकास भय दुई अवरन फोड़े ।
दया करी गुरुदेव मोहमय बन्धन तोड़े ।।
तोड़े जाल अनादि ये भरम, भये दुःख दूर ।
दया करी गुरुदेव ने दिये ज्ञान भरपूर ।।
दिए ज्ञान भरपूर पुण्य अरु पाप लखाये ।
गंगादास परकास भय दुई अवरन फोड़े ।
दया करी गुरुदेव मोहमय बन्धन तोड़े ।।