Last modified on 25 जून 2017, at 22:47

तोरोॅ किस्सा हमर कहानी सेॅ / कैलाश झा ‘किंकर’

तोरोॅ किस्सा हमर कहानी सेॅ।
डरी रहलोॅ छै आग पानी सेॅ।।

जोत पूरब केॅ फैली रहलोॅ छै,
जिन्दगी और जिन्दगानी सेॅ।

मचलोॅ छै खलबली सगर देखो,
सब परेशान राजधानी सेॅ।

हमरोॅ राजा के बात नै पूछो,
रात-दिन तंग अपनोॅ रानी से।

अब तेॅ शोला भी भड़की रहलोॅ छै,
ढेर उम्मीद छै जवानी सेॅ।