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तोरोॅ याद सहारा चिकोॅ / शंकरमोहन झा

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तोरोॅ याद सहारा चिकोॅ
जीवन भरोॅ के पहाड़ा चिकोॅ ।

सुस्ती कखनू जौं आबे छै
मोनोॅ केॅ कखनू भरमाबे छै
दोसर दीस केॅ ध्यान करी कें
बाद मेॅ बड़ी ई पछताबै छै
जीवन सौंसे नद्दी भेलै
यैहेॅ कूल-कगारा चिकोॅ ।

जाँची परखी केॅ थकी गेलोॅ छीं
विश्वासोॅ सें भरी गेलोॅ छीं
तोरोॅ एक इशारा पर सब
आपद-विपद सही गेलोॅ छीं
तोरोॅ बिना बितैलोॅ दिन
धिपलोॅ एगो-अंगारा चिकोॅ ।

आगू-पीछू सोचि केॅ कहियोॅ
दिनेॅ रैतीं ठीक सें रहियोॅ
हमरोॅ भूल बेबाक करी केॅ
माथा परम चढ़ैले रहियोॅ
तोरोॅ बिना फुसफुसैलोॅ बेलुन
तोरोॅ संग गुब्बारा चिकोॅ ।