तोसे मिलहौं, हे राधिके!
रहे कैसे एक छिन हूँ प्राण तुम बिन दीन, राधिके॥
रहे कैसे अग्रि जीवित दहन-शक्ति-विहीन राधिके।
रहे सूरज-चाँद कैसे प्रभा-आभा-हीन राधिके॥
सा भगवा बिना भगवान जीवनहीन राधिके।
ज्यों परस जहँ, स्याम-जीवन राधिका आधीन राधिके॥
तोसे मिलहौं, हे राधिके!
रहे कैसे एक छिन हूँ प्राण तुम बिन दीन, राधिके॥
रहे कैसे अग्रि जीवित दहन-शक्ति-विहीन राधिके।
रहे सूरज-चाँद कैसे प्रभा-आभा-हीन राधिके॥
सा भगवा बिना भगवान जीवनहीन राधिके।
ज्यों परस जहँ, स्याम-जीवन राधिका आधीन राधिके॥