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त्रिताल / संजीव ठाकुर

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विवाह की पूर्व संध्या पर
कलम उगल नहीं सके
चन्द शब्द...
मैं सुबह देर तक सोता हूं
बिस्मिला खान का शहनाई वादन
राग वागेश्वरी
फिलिप्स का टेपरिकार्डर
राग पीलू
आटो स्टाप।

‘आज जाने की जिद न करो’
फैयाज हाशमी की गजल
रोक रही है पाकिस्तानी गायिका
करीदा खानुम-
यूं ही पहलू मैं आ बैठे रहो
आज जाने की जिद न करो...
मैं चाय का बर्तन धोने चला गया
स्वर वहां तक पहुंच रहा था-
‘हाय! मर जायेंगे, हम तो मिट जायेंगे’
कौन मरेगा?
कौन जियेगा?
मुगल साम्राज्य का पतन
अंग्रेजों का आतंक।
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई
वीरता की प्रतीक
कायरता की मिसाल
मंडप पर बैठी दुल्हन।
कल विवाह नहीं था
आज तेरह तारीख है।
मैंने नाखून काट लिए
मेरे बाल बहुत बड़े हैं।
लोग मुझे लड़की समझते हैं
‘अच्छे नंबर लाना’
उसने कहा था
मैं फेल होकर आ गया
कौन कहता है-
असंभव मूर्खों के शब्दकोश में है?...
आशियाने की बात करते हो
फरीदा खातून की आवाज
जावेद कुरेशी की नज़्म
हमको अपनी खबर नहीं यारो
तुम जमाने की बात करते हो।
संगीत,
तबले की थाप
‘दिल जलाने की बात करते हो!’
‘सारी दुनियां के रंगो गम देकर
मुस्कुराने की बात करते हो?’
स्टाप।
लेकिन थ्री व्हीलर क्यों चल रहा है?

मैंने कैसेट पलट दिया
पंडित रविशंकर का सितार वादन
पता नहीं कौन सा राग है-
मियां मल्हार या मियांजी की तोड़ी?
आश्चर्य-
एक तरफ शहनाई
दूसरी तरफ सितार
तीन ताल, मात्रा सोलह
धा धि धि धा, धा धि धि धा, धा तिं तिं ता ता धि धिया
खजुराहो का भित्ति चित्र
‘बाजेरी मोरी पायल झनन झनन
कैसे कर आऊं तोरी पास...
नाही आवत तोही लाज?...
विहाग राग का साहित्य
फूल क्यों कुचलते हो जी?
दूध का गिलास।

रोटी बेलने के लिए
एम ए बी ए की क्या जरूरत?
चांद घूंघट में शरमा रहा है
छाती धक-धक-धक।
मुहब्बत करने वाले कम न होंगे
तेरी महफिल में लेकिन हम न होंगे
दिलोंकी उलझने बढ़ती रहेंगी
मगर कुछ मशवरे बागम न होंगे
कितना अच्छा गाती है फरीदा जी?
कितना अच्छा लिखते हैं हाफिज होशियारपुरी?
तुमने क्यों नहीं गाया था उस दिन?
मैं अच्छा क्यों नहीं लिखता?
शहनाई ही अच्छी होती है क्या?
लेकिन मैं सितार बजाऊंगा-
सा नि सा ध नि सा म ग म ग सा
मालकोस-मेरा प्रिय राग
तुम्हारा भी होगा,
यह बहुत मधुर होता है।
मेरी दाढ़ी कितनी बढ़गई है।
आज ही कट जायेगी
मैं चाहूं या नहीं, फर्क नहीं पड़ता
पवित्र अग्नि
या चिता की आग?
या दोनों ही?
या कुछ नहीं?
चलें घूमने?
नहीं, परीक्षा की घड़ी है
बैठकर पढ़ते हैं-
मुगल साम्राज्य के पतन में
औरंगजेब की भूमिका।

एक पत्ता मैंने ताड़ा
पीपल का
कोमल था
मुट्ठी में भींचा
तुड़-तुड़ गया
डार से अलग हो गया
पतंग की डोर नहीं
वही पत्ता
मेरी उंगली से लिपटा था
कनाट प्लेस की गर्म हवा
होटल निरूला की आईसक्रीम खाकर
‘मुस्कुराने की बात करते हो’
पत्ता सूखता जा रहा था
कोमलता भागती जा रही थी
आइसक्रीम का कोन टूट गया
सब हंसने लगे
मुझे खुशी हुई
भिखारी बालक उसे उठा ले गया
मैंने ताली बजाई,
दूसरे ने हाथ पसारा
मेरी बहन ने अपनी आइसक्रीम
उसे दे दी
आज मैंने उसे एक कविता पढ़ाई थी।
मेरा दोस्ता इशारा करता था
झट जेब से निकाल
पत्ता, मैं दिखा देता था
मेरे बापू ने पूछा-‘क्या है?’
मैंने हाथ पसार दिया।
फूलों का गजरा
खरीद लिया
बेला के फूल थे
कल सुबह तक मुरझा जायेंगे
फूल...
सुगंध समाप्त।
‘आशियाने की बात करते हो।’

कनाट प्लेस के पार्क में
भीगी दूब
टांगे पसार
माता की गोद में
मुंह ढांप
अपनी जिन्दगी बचा ली।
बिरयानी में मसाला तेज था
दही मिला दिया
पत्ता सूखता जा रहा था
बचा नहीं पाया
मित्र का इशारा
मैं खीजा-
‘दिल जलाने की बात करते हो’
दिल्ली भ्रमण पर नहीं जाना है कल
परसों परीक्षा है
कल दिन भर पढ़ना बेटा!

क्या?...
पानीपत का तृतीय युद्ध?
प्लासी की लड़ाई?
बक्सर का युद्ध?
1857 का संग्राम?
खाक!
सबमें भारत की हार
बेचारा!...
फिरंगी झंडा लालकिले पर
बहादुरशाह जफर कैद:
लिखो शेर जफर साहब-
‘उमरे दराज मांग के लाया था चार दिन
दो आरजू में कट गये दो इंतजार में
इतना है बदनसीब जफर दफन के लिए
दो गज जमीं भी न मिली कूए यार में।’
पत्ता तो टूट गया-डोर उसने लूट ली।

एक पत्ता उधर सूख रहा है
एक इधर
मेरे टेबुल पर
टेबललैंप की गर्मी में।
उधर की गर्मी का मुझे पता नहीं।
कैसे मान लूं
आइसक्रीम पिघलती नहीं?
विहाग वेला
नाहीं आवत तोही लाज
संगीत में त्रिताल, चारताल, झपताल होता है।
द्विताल क्यों नहीं होता?

मैंने दाढ़ी नहीं काटी
लेकिन क्या कटी नहीं?
शहनाई बजी नहीं?
मैंने पीलू नहीं गाया
लेकिन क्या वागेश्वरी भी नहीं?
तुमने पैर क्यों नहीं छूने दिये थे?
सूखा फूल क्यों रखे हो?
गंदला नाला तो तेरे घर के पास बहता है।
आज आइसक्रीम मुफ्त मिलती
जिसके नसीब में था, पाया।
तुम किताबों को मुख मोड़कर
मुझे टाप करने की बात करते हो?
तू तक तू तक तूतिया है जमा लो...
भाई मुझमें दम नहीं,
राग भैरवी
‘बाबुल मोरा नैहर छूटोहिं जाय’...
अलसाया गुलाब
नया सवेरा
नयी तलाश
पुरानी प्यास...
मैंने सूखा पत्ता
डायरी में
तेरह तारीख के पन्ने में रख लिया।