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थांरै बिन / संतोष मायामोहन

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बावड़ी म्हूं
थां बरस्यां भरूं
हरूं
म्हारी तिरस।
जळ री हूं
निज ही आगार
तो ई हूं
    थांरै बिन निरजळी!